श्री कृष्णा जन्म कथा | Shri krishna Janm katha in hindi
नमस्कार मित्रों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी उनके जन्म की कथा सुनाएंगे | वैसे तो भगवान श्री कृष्ण का जीवन मनोरंजक कहानियों से भरा हुआ है उनके पूरे जीवन की तरह ही उनका जन्म भी एक मनोरंजक कहानी है जो इस प्रकार है |
अब हम आपको श्री कृष्ण के जन्म से जुड़ी कहानी बताते हैं उनके जन्म के समय क्या-क्या घटनाएं हुई थी वह सब बताएंगे |
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Shri krishna janm katha |
यह बात द्वापर युग के समय की है जब धरती पर बहुत अधर्म बढ़ता जा रहा था | राक्षसों का अत्याचार और हाहाकार दिन प्रतिदिन पृथ्वी पर बढ़ता ही जा रहा था | इन सबसे बहुत परेशान होकर धरती मां गाय का रूप धारण करके देवताओं के पास गई और उन्हें बताया | हे देवता गण मुझे बचाइए, मेरी रक्षा कीजिए धरती पर राक्षसों का आतंक मुझ पर बहुत ज्यादा बढ़ता ही जा रहा है | इसे खत्म कीजिए |
देवताओं के पास धरती मां की इस समस्या का कोई समाधान नहीं था | तो उन लोगों ने निर्णय लिया कि ब्रह्मा जी के पास चला जाए | उसके बाद ब्रह्मा जी के पास सभी देवता और धरती मां गए और वहां पहुंच कर उन्होंने ब्रह्मा जी से विनती की, प्रभु मेरे ऊपर राक्षसों का अत्याचार और हाहाकार बढ़ता जा रहा है | मैं बहुत ही परेशान हो गई हूं |
फिर ब्रह्मा जी ने उनकी तरफ देखा और उनसे कहा इस समस्या का समाधान सिर्फ भगवान विष्णु कर सकते हैं | देवी आप उन्हीं के पास जाइए ब्रह्मा जी की बात मानकर उनके साथ सभी देवता गण भगवान विष्णु के निवास स्थान पर पहुंचे उस समय भगवन विष्णु शेषनाग पर लेटे हुए आराम कर रहे थे और वहां पहुंचकर सभी ने उन्हें प्रणाम किया और उन्हें बताया कि धरती मां इस तरह राक्षसों के अत्याचार से परेशान हैं, प्रभु कुछ कीजिए |
फिर भगवान विष्णु ने कहा देवी, आप परेशान मत होइए मैं बहुत जल्दी पृथ्वी लोक पर मनुष्य रूप में आऊंगा और बढ़ते हुए पाप को खत्म करूंगा उनकी बात सुनकर धरती मां बहुत खुश होकर वहां से चली गई |
उस समय उधर मथुरा में राजा उग्रसेन राज किया करते थे बहुत ही ज्यादा दयालु थे | उनका एक बेटा कंस था जो बहुत ही अत्याचारी और लालची था उसे राजगद्दी का बहुत ज्यादा मोह था | एक दिन उसने राजा उग्रसेन को सिंहासन से उतार जेल में डाल दिया और वह खुद राजा बन गया, लेकिन कंस अपनी बहन देवकी से बहुत प्यार करता था |
श्री कृष्णा जन्म कथा | Shri krishna Janm katha
फिर देवकी की शादी शूरसेन के पुत्र वासुदेव से हुई थी शादी के बाद कंस देवकी को विदा करने लगा था तभी आकाशवाणी हुई कि देवकी की आठवीं संतान कंस का वध करेगी |
यह सुनकर कंस के पैरों तले जमीन खिसक गई और वह बहुत डर गया और फिर उसने डर की वजह से देवकी और वासुदेव को जेल में डाल दिया | फिर कंस सोचने लगा कि देवकी की 8 संतानों में कौन सा पुत्र उसकी हत्या करेगा तो फिर वह बहुत असमंजस में पड़ गया | वह इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा था तो फिर उसने एक एक करके देवकी की सभी संतानों को खत्म करने का निर्णय लिया फिर उसने एक एक करके देवकी की 6 संतानों को वहीं चट्टान पर पटक कर मार दिया |
जब कंस ने 6 संतानों को चट्टान पर पटक कर मार दिया उसके बाद शेषनाग देवकी के सातवीं संतान के रूप में जन्म लेने वाले थे | परंतु देवताओं और भगवान ने एक योजना से देवकी का गर्भपात करवा दिया और और साथ ही उस संतान को वासुदेव की जो पहली पत्नी थी रोहिणी उनके गर्भ में पहुंचा दिया बाद में इस संतान को श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में हम सब जानते हैं |
श्री कृष्णा जन्म कथा | Shri krishna Janm katha
यह सब हो जाने के बाद भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में देवकी ने अपनी आठवीं संतान को जन्म दिया जैसे ही देवकी की आठवीं संतान ने जन्म लिया, जन्म लेते ही महल के सारे सैनिक अपने आप सो गए देवकी और वासुदेव की हथकड़ियां खुल गई और जेल के दरवाजे भी अपने आप खुलने लगे उन दोनों को उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है |
तभी वहां एक आकाशवाणी हुई कि अपने इस पुत्र को गोकुल में नंद बाबा के यहां छोड़ आओ, फिर देवकी और वासुदेव ने वैसा ही किया | उन्होंने टोकरी में भगवान श्रीकृष्ण को लेटाया और यमुना नदी के पार गोकुल में छोड़ कर आ गए | उस समय यमुना नदी ने भी उन्हें जाने का रास्ता दिया और फिर उन्होंने कृष्ण भगवान को गोकुल में छोड़ दिया और वहां पर पालने में सोई बेटी को अपने साथ जेल में ले आए |
फिर जब वासुदेव के वापस आने के बाद सब कुछ पहले जैसा हो गया फिर पहरेदार भी जाग गए और हथकड़ियां और जेल के दरवाजे सब अपने आप लग गए जैसे पहले थे |
जैसे ही सैनिक होश में आए उन्होंने देवकी की आठवीं संतान की खबर कंस को जाकर दी कंस जल्दी-जल्दी दौड़ते हुए उनके पास आया और उसने उस संतान को पकड़कर मारने के लिए हाथ उठाया तो तुरंत ही वह उसके हाथ से छूटकर हवा में उड़ गई और बोली है,
दुष्ट कंस मैं योग माया हूं और तुझे मारने के लिए भगवान ने गोकुल में अवतार ले लिया है अब तो तेरा अंत निश्चित है |
कंस को पता लगा कि कृष्ण गोकुल में है तो कृष्ण को मारने के लिए कंस ने बहुत राक्षसों को भेजा लेकिन कोई भी उनका बाल बांका नहीं कर सका |
मित्रों यही है भगवान श्री कृष्ण के जन्म से जुड़ी हुई कथा आपको कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बताइए और फिर बताइए कि आप को भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई और कौन सी कथा के बारे में पढ़ना है फिर मैं आप उसी के बारे में लिखूंगा और आपको बताऊंगा |
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