श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी  | Shri krishan putna vadh story

मित्रों आज हम आपको Sri Krishna और पूतना वध की कहानी बताएंगे | 

पिछली कहानी में आपने श्री कृष्ण जन्म कथा पढ़ी | जैसा कि आप सब जानते हैं कि जब श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ तो आकाशवाणी हुई थी कि उन्हें गोकुल में ले जाकर छोड़ आइये |

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 फिर देवकी और वासुदेव ने ऐसा ही किया था और जब कंस को  इस बात की जानकारी हुई  वासुदेव की आठवीं संतान जन्म ले चुकी है तो फिर वह कारागार में गया और वहां पर उसने देखा कि वहां पर एक कन्या है | उस कन्या को मारने के लिए जैसे ही कंस ने उठाया तो वो एकदम हवा में उड़ गई और उसे एक चेतावनी दी कि मैं योग माया हूं और तुझे मारने वाला गोकुल में जन्म ले चुका है | 

इस तरह कंस को इस बात की जानकारी हो गई और फिर इस बात को सुनकर कंस काफी डर गया और फिर उसने कई सारे मायावी राक्षसों को गोकुल भेजा कृष्ण को मारने के लिए लेकिन वह सफल ना हो सका |

स्तनों पर विष का लेप और सुन्दर नारी का रूप 


 फिर उसने कृष्ण जन्म के ६ दिन बाद  पूतना को बुलाया और उसने पूतना से बोला गोकुल जाकर जितने भी छोटे बच्चे हैं जिन्होंने सावन में जन्म लिया है उन सब को मार के आना | 

फिर वह आकाश के रास्ते उड़ते हुए गोकुल पहुंची | फिर पूतना  ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर लिया है बहुत सुंदर श्रृंगार कर लिया और अपने स्तनों में विष  लगा लिया और फिर वह गोकुल में जाकर छोटे बच्चों को मारने लगी |

जब वह नंद द्वार पर मैया यशोदा के पास पहुंची तो मैया यशोदा से बोली | हे , ब्रज रानी मुझे अपने लल्ला के दर्शन कराओ उसे प्यार करना है | मैया यशोदा उससे बोलती हैं कि सभी लोग लल्ला के दर्शन कर गए तुम इतने दिन से कहां गई थी फिर पूतना कहती है कि मैं अपने मायके चली गई थी और इसी वजह से मैं लल्ला  का दर्शन नहीं कर पाई |

श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी  | Shri krishan putna vadh story


 फिर मैया यशोदा छोटे से कृष्ण को  उठाकर पूतना  की गोद में दे देती हैं | फिर पूतना बालकृष्ण को अपनी गोद में लेती है और उन्हें दूध पिलाने लगती है क्योंकि उसका यह सोचना था कि उसने स्तन  पर विष लगा रखा है तो फिर जब यह दूध पिएगा तो यह मर जाएगा | 


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लेकिन बाल कृष्ण ने पहले तो दूध पिया और फिर धीरे-धीरे पूतना के प्राणों को खींचने लगे |  जैसे ही कृष्ण ने पूतना  के प्राण खींचना  चालू कर दिया  वह वैसे ही दर्द के मारे झटपटाने लगी और आकाश मार्ग में उड़ गई और एकदम से अपना राक्षसी रूप धारण कर लिया और बालकृष्ण  से कहती है कि लल्ला  मुझे छोड़ दे, छोड़ दे | 


लेकिन बाल कृष्ण उसे नहीं छोड़ते हैं और उसके प्राण  खींचने लगते हैं और थोड़ी देर बाद ही वह पास के जंगल में बालकृष्ण सहित गिर जाती है और फिर थोड़ी देर में राक्षसी पूतना के प्राण निकल जाते हैं |

मित्रों इस तरह भगवान कृष्ण ने  बाल रूप में पूतना का वध किया था |

 मित्रों आप लोगों को यह कहानी krishan putna vadh story पढ़कर कितनी अच्छी लगी | अगर आपको यह कहानी पसंद आई है तो फिर आप इसे अपने और कृष्ण भक्तों के साथ शेयर करें | कृष्ण भगवान से जुड़ी आप और कौन सी कहानी पढ़ना चाहते हैं | हमें कमेंट करके बताइए, 


राधे राधे

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