क्यों भगवान् कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह किया ?

मित्रों कृष्ण लीला के बारे में जानना किसे नहीं अच्छा लगता | हर कोई कृष्ण लीला पसंद करता है और उनकी हर लीला से बहुत सीख मिलती है | स्त्री हो या पुरुष हर कोई इनकी कहानी सुनकर बहुत प्रसन्न हो जाता है और मन ही मन में उसे एक सुख का अनुभव होता है और उसे अच्छी सीख भी मिल जाती है |

भगवन कृष्ण और राधा की प्रेम कथा, गोपियों के साथ लीला तो जग जाहिर है और उनके पवित्र प्रेम की लोग मिसाल देते हैं | इसके अलावा आपने रुक्मणि के बारे में भी सुन रखा होगा |

पर क्या आपको पता है कि कृष्ण भगवान् की एक कथा ऐसी भी प्रचलित है जिसमे १६००० कन्याओं से विवाह करने का वर्णन मिलता है |

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Krishan vivah



मित्रों यह बात उस समय की है जब भगवान कृष्ण कंस का वध करके मथुरा के राजा बन चुके थे और राज्य में सब कुछ अच्छी तरह चल रहा था |  राज्य में हर तरफ खुशियां ही खुशियां थी हर तरफ आनंद का वातावरण था फिर अचानक से 1 दिन भगवान श्री कृष्ण को एक सूचना मिली जिसमें उन्हें यह पता चला कि आसपास कुंवारी कन्याओं का अपहरण किया जा रहा है |


 जैसे ही कृष्ण भगवान को यह सूचना मिली उन्होंने अपने गुप्तचरों को राज्य के चारों तरफ पता करने के लिए बोला | फिर गुप्तचरों ने पता लगाया कि नरकासुर नाम के एक राक्षस ने अमरत्व पाने के लिए 16000 कन्याओं की बलि देने के लिए उन कन्याओं का अपहरण किया है | 

जैसे ही भगवान कृष्ण को इन सब के बारे में पता लगा | वे जल्द से जल्द उस राक्षस की नगरी पहुंच गए और  उस राक्षस को मृत्यु दंड देकर उन्होंने उन कन्याओं को छुड़ाया और उन से विवाह किया |

क्यों भगवान् कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह किया ?


अब बात आती है कि आखिर क्यों भगवान कृष्ण ने प्रेमिका राधा और 8 पटरानी के होते हुए भी इन कन्याओं से विवाह किया | ऐसा कृष्ण भगवान् ने क्यों किया ?

मित्रों भगवत गीता के अनुसार राजा नरकासुर ने अपनी शक्ति से इंद्र आदि सभी देवताओं को बहुत ज्यादा परेशान कर रखा था और संतो को भी परेशान करने लगा था  | फिर उसने अमरत्व पाने के लिए 16000 कन्याओं का हरण कर लिया इस तरह दिन प्रतिदिन उसका अत्याचार बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा था | 

तो देवता और ऋषि मुनि सभी मिलकर भगवान श्री कृष्ण के पास गए | भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें नरकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया | लेकिन इस राक्षस को स्त्री के हाथों मरने का श्राप था इसलिए कृष्ण, राक्षस का वध करने के लिए अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाकर ले गए और उस राक्षस का वध करके सभी कन्याओं को उसके चंगुल से छुड़ाया |

कहते हैं जब भगवान कृष्ण ने 16000 कन्याओं को मुक्त कराया फिर यह कन्याए अपने घर पहुंची तो उनके घर वालों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया और बोला कि इन कन्याओं का चरित्र कलंकित हो चुका है | अब हम इन्हें अपनाकर समाज में अपमान नहीं झेल सकते |

 फिर इन सभी कन्याओं ने अपने माँ बाप से गुहार लगाई कि उन्हें अपना लें | लेकिन उनके मां बाप ने इन्हें नहीं अपनाया | रोती बिलखती कन्याओं को देखकर भी घरवालों का मन नहीं पसीजा और उन्हें नहीं अपनाया उन्होंने बोला कि जिस कृष्ण तुम्हें बचाया है उसी से पूछो कि तुम्हें कहां रहना है ? 


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जब इन सभी कन्याओं को इनके घर वालों ने ठुकरा दिया फिर सभी मथुरा पहुंच गई और कृष्ण से मदद मांगने लगी | भगवान कृष्ण ने जब इन लोगों की बातें सुनी तो वे बहुत द्रवित हो उठे उन्होंने कहा कि अपहरण का कष्ट झेल रही और अपनों के लिए तरस गई इन कन्याओं का इसमें क्या दोष था जब कोई इन्हें अपहरण करके ले गया तो इसमें इनकी क्या गलती है |


भगवान् कृष्ण ने उनके माता-पिता को समझाया, तब भी वे उन कन्याओं को अपनाने के लिए तैयार नहीं हुए  |

 इस बात से कृष्ण को क्रोध आ गया और फिर उन्होंने अपने लीला के द्वारा अपने १६००० रूप लिए और उन कन्याओं से विवाह कर लिया |
 कहा जाता है कि जब कृष्ण भगवान ने इन कन्याओं से विवाह कर लिया तो फिर इनके माता-पिता भी इन्हें अपनाने को तैयार हो गए | विवाह के बाद उनके माता-पिता बहुत गर्व से कहते हैं कि मथुरा के राजा कृष्ण हमारे दामाद हैं और इसलिए और इस तरह 16000 कन्याओं को समाज में मान सम्मान दिलाने के लिए कृष्ण ने उन सभी से विवाह किया था जिससे कि उन्हें फिर से समाज में मान सम्मान मिल सके |

मित्रों अब तो आप समझ चुके होंगे कि भगवान् कृष्ण ने १६००० कन्याओं से विवाह क्यों किया था , मित्रो इस कथा से जुड़ा आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो फिर आप हमें मेल या कमेंट के द्वारा बता सकता हैं | 

जय श्री कृष्णा 
राधे राधे