Dussehra | दशहरा

नमस्कार मित्रों, आज के इस आर्टिकल में मैं आपको Dussehra के बारे में बताऊंगा। भारत में दशहरा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा आश्विन मॉस के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है।  यह नवरात्री के बाद आता है। इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा वाले दिन लोग शस्त्र पूजा भी करते हैं।  मित्रों आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि -

-- दशहरा का महत्व 
-- दशहरा क्यों मनाया जाता है ?
-- भारत में दशहरा मेला 
-- आज के समय में दशहरा का बदलता रूप |

आज के इस आर्टिकल में आपको इन सभी बातों के बारे में पता चलेगा। 

Happy Dussehra 2020



दशहरा का महत्व (Dussehra significance)

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार दशहरा का अपना महत्व है।  दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में मनाया जाता है। भारत में दशहरा को जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है।  इस जश्न को मनाने  के लिए सभी लोगों की मान्यता और धारणा अलग अलग प्रकार की है। काफी लोग इस दिन शस्त्र पूजा करते हैं क्यूंकि वो इसे युद्ध में मिली जीत का प्रतीक मानते हैं।

 किसान लोगों के लिए ये वह समय है जब वो अपने खेत की फसल उगा कर अनाज के रूप में अपनी संपत्ति को घर ले जाते हैं और फिर वे जश्न मना कर भगवान का धन्यवाद करते हैं। सबकी मान्यताएं अलग अलग हैं पर एक बात सबकी एक जैसी है कि दशहरा के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में मनाते हैं। 

2020 में दशहरा कब है | Dussehra date in 2020 ?

मित्रों इस साल दशहरा २५ अक्टूबर २०२० (25 october 2020) दिन रविवार को है।   इसको हर साल आश्विन माह की  शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाते हैं। 

दशहरा क्यों मनाया जाता है? | Dussehra kyun manaya jata hai 

मित्रों, दशहरा पर्व को मनाने के पीछे काफी कहानियां प्रचलित हैं जिसमे सबसे ज्यादा प्रमुख है राम और रावण की कहानी और दूसरी जो कहानी है जिसमे दुर्गा माता ने महिषासुर का वध किया था। इसके अलावा पांडवों का वनवास तथा देवी सती की कहानी भी है।  इस सभी में जो सबसे ज्यादा प्रमुख है वो है राम रावण की कहानी जो इस प्रकार है -

राम, राजा दशरथ के पुत्र थे और अयोध्या के राजकुमार थे।  इनकी पत्नी का नाम सीता था और भाई का नाम लक्ष्मण इसके अलावा इनके दो और भाई थे।  राजा दशरथ की पत्नी कैकेयी के कारण राम को चौदह वर्ष के लिए अपनी पत्नी और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या छोड़ कर वनवास के लिए जाना पड़ा।  इसी वनवास के दौरान रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था। 

रावण जो कि बहुत ही ज्ञानी था और बहुत बलशाली भी था। उसमे इस बात का काफी अहंकार आ गया था और वह भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानता था।  उसके अहंकार और अत्याचार को ख़त्म करने के लिए विष्णु भगवान् ने राम का अवतार लिया था।  

जैसा कि आप सब जानते हैं कि रावण ने सीता माता का अपहरण कर लिया था फिर सीता जी को वापस लाने के लिए राम और रावण में घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में हनुमान, सुग्रीव, विभीषण और बानर सेना ने राम का साथ दिया और अंत में भगवान् राम ने रावण का वध कर दिया। इस प्रकार बुराई पर अच्छाई की जीत हुई और रावण का सर्वनाश हो गया। तब से हर साल इस विजय को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। जिसे हम लोग दशहरा भी कहते हैं। 

भारत में दशहरा मेला | Dussehra Mela

दोस्तों भारत में दशहरा बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।  इन कथाओं को माध्यम बना कर पूरे भारत में अलग अलग जगहों पर लोग दशहरा का मेला मनाते हैं। जिसमे कि रामलीला का आयोजन किया जाता है और राम रावण युद्ध को नाटक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। 

दशहरा वाले दिन सभी बच्चे बड़े अपने परिवार के साथ दशहरा का मेला देखने रामलीला मैदान में जाते हैं। वहां पर तरह तरह की खिलौने की दुकाने, खाने पीने की दुकाने होती हैं।  जहाँ पर लोग अपने परिवार के साथ खाते पीते हैं तथा दशहरा के मेला का आनंद लेते हैं। वहां पर रावण मेघनाद, कुम्भकरण के पुतले बनाये जाते हैं और राम रावण युद्ध नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। अंत में इन पुतलों का दहन किया जाता है। इस तरह दशहरा का मेला हम लोग बहुत ही जश्न और धूमधाम से मनाते हैं। 

यह त्यौहार हमें बुराई पर अच्छाई की विजय हमेशा होती है यह सीख देता है |

आज के समय में दशहरा का बदलता रूप | Dussehra ka badalta roop 

दोस्तों , दशहरा हम लोग इसलिए मनाते हैं जिससे कि सबको बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश मिले और हम भी अपने अंदर की बुराई ख़त्म करें और अच्छाई को अपनाएँ।  लेकिन आज के समय में काफी लोग ऐसे हैं जो कि अपने बच्चों को दशहरा का मतलब अच्छे से नहीं समझाते। काफी लोग ऐसे भी होते हैं जो कि रामलीला में गए खाया पिया और मेला देख कर चले आये लेकिन उस मेले से उस राम रावण कि कहानी से कुछ सीखते नहीं हैं।  


दशहरा एक सादगी से मनाया जाने वाला त्यौहार है पर आज के समय में लोग इनमे काफी ज्यादा आतिशबाजी जलाते हैं और पटाखे फोड़ते हैं जिससे कि प्रदुषण बढ़ता है पहले के समय में ये होता था कि त्यौहार पर लोग एक दूसरे से मिलते थे पर आज के समय में लोग mobile से ही हैप्पी दशहरा बोल देते हैं। इस तरह धीरे धीरे दशहरा में बदलाव आता जा रहा है। 

 आज के समय में जरुरत है हर त्यौहार को और उसका मतलब बच्चों को बताया जाए और उससे क्या सीख मिलती है ये भी बताया जाये। 

Happy Dussehra 2020 to you and your family


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